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विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते हुए अपना मानसिक और शारीरिक  स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें 

Preventing caregivers burnout in parents of children with special needs

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते हुए अपना मानसिक और शारीरिक  स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते करते मानसिक और शारीरिक थकावट महसूस करते हैं जो चिंताजनक हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चों की देखभाल करने वाला और कोई नहीं होता है, माता पिता पर ही सारी जिम्मेदारी होती है। पुरे समय विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की देखभाल करना माता पिता के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से थकावट भरा हो सकता है। 

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट से जुड़े जोखिम –

  • बच्चे की देखभाल सिर्फ वे ही कर सकते हैं 
  • भावनात्मक और व्यक्तिगत मदद की कमी 
  • स्वयं के देखभाल में कमी 
  • प्रतिकूल परिस्थिति का सामना नहीं कर पाना 
  • सामाजिक परिवेश में अकेलापन महसूस करना 
  • वैवाहिक समस्या 
  • आर्थिक कठिनाइयां

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट के लक्षण –

  • निराश और असहाय महसूस करना 
  • व्याकुल और पराजित महसूस करना 
  • अकेलापन और व्यथित 
  • चिड़चिड़ापन और गुस्सा 
  • पहले जो आप को करना अच्छा लगता था उसमें अब रूचि न होना 
  • परिवार के लोगों और दोस्तों से मिलने का मन नहीं होना 
  • अपनी और बच्चे की देखभाल नहीं कर पाना 
  • अपने आप को या बच्चे को नुकसान पहुँचाना 
  • वजन का कम  होना या बढ़ना 
  • बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना 
  • सिरदर्द और बदन दर्द होना 
  • बार बार बीमार पड़ना 

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट के रोकथाम के लिए जाँच सूची 

  1. मदद मांगें – अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों को बच्चे की देखभाल करने की अलग अलग जिम्मेदारी सौंपे या अन्य उपलब्ध विकल्प जैसे-डे केयर सेंटर, रेस्पाइट केयर सेंटर या नर्स और आया रखने के बारे में विचार करें। यदि आप के बच्चे की देखभाल करना दूसरों के लिए मुश्किल है तो घर के अन्य कार्य जैसे खाना बनाना ,घर की साफ़ सफाई ,राशन खरीदना आदि की जिम्मेदारी परिवार के सदस्यों को दें। 
  2. खुद का ध्यान रखें- आप बच्चे का ध्यान तभी रख सकते हैं जब स्वयं की देखभाल अच्छी तरह करें। इसके लिए महत्वपूर्ण है कि आप अपने आप से भी प्यार करें ,बीच बीच में ब्रेक लेकर अपने पसंद का काम करें,लोगों और दोस्तों के  साथ समय बिताएं, पौष्टिक खाना खाएं ,योग और व्यायाम करें और पर्याप्त मात्रा में आराम करें।
  3. वास्तविक अपेक्षाएं रखें -आप एक इंसान हैं। अपनी सीमाओं को पहचाने और उसका आदर करें और उसके अनुरूप ही काम करें। अपने आप से वास्तविक उम्मीद रखें और यदि आप उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते तो मन से ना लगाएं। 
  4. वास्तविक लक्ष्य रखें- विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की परवरिश एक छोटी दौड़ नहीं है अपितु एक मैरथॉन (लंबीदौड़ )है अर्थात बहुत लम्बे समय तक आप को बच्चे की देखभाल करना है। अतः यह महत्वपूर्ण है कि अपने और अपने बच्चे के लिए वास्तविक लक्ष्य रखें। लंबी दौड़ अर्थात लम्बे समय तक आप अपने बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल कर सके इसके लिए आप अपने आप को तैयार करें। 
  5. जीत का जश्न मनाएं- कभी कभी विशेष आवश्यकता  वाले बच्चे की परवरिश करते हुए आप को ऐसा लगेगा कि यह कभी ना खत्म होने वाली ऐसी लड़ाई है जिसमे जीत के लम्हे कम और हार ज्यादा है। इसलिए अपने बच्चे की हर छोटी बड़ी जीत का जश्न मनाएं। ऐसे बच्चे की परवरिश में हर उपलब्धि एक बड़ी उपलब्धि है। इसलिए जब भी आप का बच्चा कोई सफलता प्राप्त करता है अपनी और अपने बच्चे की पीठ थपथपाना नहीं भूले। 
  6. सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें- विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की परवरिश कई बार एक एकाकी यात्रा हो सकती है क्योंकि आप के आसपास के लोग यह नहीं समझ पाएंगे कि ऐसे बच्चे के माता पिता होना क्या होता है। दो ऐसे परिवार जो एक ही रास्ते पर चल रहे हों एक दूसरे की कठिनाइयों को समझ सकते हैं। ऐसे सहयोगी समुदाय से जुड़िए जिसमें आपके जैसे और माता पिता हों।

यदि आपके बच्चे ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, ए डी एच डी या अन्य बौद्धिक क्षमताओं के बारे में प्रश्न है या किसी बच्चे के विकास में देरी के बारे में चिंता है तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न पूछताछ के लिए कृपया हमारी मुक्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर हमें कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। हमारे परामर्शदाता अंग्रेजी, हिंदी ,मलयालम ,गुजराती, मराठी ,तेलुगू और बंगाली सहित विभिन्न भाषाएं बोलते हैं। 

अपने बच्चे के साथ सवेंदनशील दिवाली मनाने के टिप्स

Tips to have a sensory friendly Diwali

यह साल का वह समय होता है जब हम रोशनी और पटाखों का त्त्यौहार मनाने के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ इकट्ठा होते हैं।  हम इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं, हमारे विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए त्यौहार के दिन बहुत कठिन होते हैं जो कि सवेंदनशील नियमित और रोज एक ही तरह का जीवन जी रहे होते हैं।

Tips to have a sensory friendly Diwali

यहां कुछ बातें हैं करने जैसी जिससे हम हमारे बच्चों के साथ संवेदना के अनुकूल दिवाली का आनंद ले सकते हैं।

1)  योजना बनाते समय ध्यान रखें – त्यौहार का समय व्यस्त समय होता है इस समय आप अपने बच्चे के लिए कोई योजना बना सकते हैं जिसकी उसे जरूरत है ताकि आप आराम कर सके और अपने बच्चे के साथ इसका आनंद उठा सकें।

2) अपने बच्चे को तैयार करें – अपने बच्चे को आने वाली छुट्टी के लिए तैयार करें, उन्हें बताएं कि छुट्टी के दौरान उनसे क्या उम्मीद की जाएगी। साथ ही इसमें होने वाले किसी भी कार्यक्रम के बारे में और आने वाले मेहमानों के बारे में उन्हें पहले से ही सूचित भी करना जरूरी है। आप अपने बच्चे को तैयार करने के लिए विजुअल शेड्यूल (दृश्य तालिका) और सामाजिक कहानियों का उपयोग कर सकते हैं।

3) अपने मेहमानों को तैयार करें – यदि आपके यहां छुट्टियों में मेहमान आ रहे हैं तो उन्हें अपने बच्चे के प्रति उसकी जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखने को पहले से ही कहें ताकि अनजाने में भी वे आपके बच्चे को परेशान ना कर पाएं।

4) नियमित दिनचर्या का पालन करें – विशेष आवश्यकता वाले बच्चे नियमित दिनचर्या का पालन करते हैं उनके लिए त्यौहार का समय एक अस्त-व्यस्त समय हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि जितना संभव हो सके अपने बच्चे की सामान्य दिनचर्या को अपनाएं और यदि उसमें कोई भी बदलाव होने वाला हो तो अपने बच्चे को पहले से ही इसकी सूचना दे दें।

5) जाने पहचाने अनुभवों को ही अपनाएं – त्यौहार का मौसम आपके बच्चे के लिए नए अनुभव लेकर आता है ऐसे में अपने बच्चे को किसी भी नई चीज से परिचय ना कराएं। फिर वो नया भोजन, नए कपड़े, नए कौशल, नई गतिविधियाँ क्यों ना हों जिससे उन्हें व्याकुल होने से बचाया जा सके।

6) संवेदी (सेंसरी) जरूरतों का ख्याल रखें – त्यौहार का समय नई जगहों, ध्वनियों,बनावटों और गंध से भरा होता है और आपके संवेदनशील संवेदी बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।यहां कुछ बातें हैं जो आप अपने बच्चे के साथ संवेदी अनुकूल दिवाली मनाने के लिए कर सकते हैं।

* दिवाली की मिठाइयों और नमकीन के साथ वह भोजन तैयार करें जो आपके बच्चे को पसंद हो।

* तेज आवाज से उन्हें बचाने के लिए इयरप्लग या नॉइस कैंसिलेशन हेडफोन का उपयोग करें।

* चमकदार या चमचमाती रोशनी से अगर आपका बच्चा परेशान होता है तो उसका इस्तेमाल ना करें।

* अगर आपके बच्चे को तेज गंध से परेशानी होती है तो उसका इस्तेमाल ना करें।

* त्यौहार के समय में कपड़े खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे के लिए वह आरामदायक हों।

7) अपने बच्चे को उनकी जगह दें – यदि आपको दिखाई देता है कि आपका बच्चा व्याकुल हो रहा है तो उसे सभी गतिविधियों से दूर किसी ऐसी जगह ले जाएं जहां वह आराम कर सके और तरोताजा हो सके।

आपको और आपके परिवार को सवेंदनशील दीपावली की शुभकामनाएं।

संवेदी समस्याओं से छुटकारा पाने के तरीकों को जानने के लिए आप हमारे आर्टिकल को देख सकते हैं “आटिज्म बच्चों के माता-पिता कैसे संवेदी एकीकरण(सेंसरी इशू) के मुद्दों का प्रबंध कर सकते हैं डाउन सिंड्रोम बच्चों में संवेदी मुद्दे के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।

अगर आपके मन में ऑटिज्म डाउन सिंड्रोम एडीएसडी बौद्धिक विकलांगता और विकासात्मक देरी को लेकर कोई सवाल है तो नई दिशा की टीम आपकी मदद के लिए तैयार है। कोई भी प्रश्न हो तो आप हेल्पलाइन नंबर पर या व्हाट्सएप पर कॉल कर सकते हैं 844-844-8996। हमारे मार्गदर्शक विविध भाषाओं में आपसे बात कर सकते हैं इंग्लिश, हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलगु और बंगाली।

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है।

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