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ऑटिज्म क्या है? आपके बच्चे की समस्याओं का हल समझने के लिए एक त्वरित मार्गदर्शिका

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Dr Ajay Sharma

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Key Takeaways:

  1. ऑटिझम क्या है?

ऑटिझम स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) एक न्यूरोडिवेलपमेंटल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति के बोलचाल, सामाजिक मेलजोल और व्यवहार में कुछ अंतर होते हैं।

  1. बच्चों में ऑटिझम के लक्षण
  • बच्चा आँखों में आँखें डालकर बात नहीं कर पाता
  • उसकी भाषा विकास (language development) में देरी हो सकती है
  • सामाजिक रिश्ते बनाने और बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है
  • वह बार-बार दोहराने वाले हाव-भाव या हरकतें कर सकता है
  1. माता-पिता के लिए सुझाव: शुरुआती हस्तक्षेप (Early Intervention) और सहयोग
  • जल्दी पहचान और सहयोग से ऑटिझम से जुड़ा बच्चा दुनिया को बेहतर तरीके से समझ और संभाल सकता है।
  • स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और विकास संबंधी गतिविधियाँ मिलकर बच्चे की ज़रूरत के अनुसार मदद कर सकती हैं।
  • समझदारी और सहयोग से भरा माहौल बच्चों को आगे बढ़ने और अपनी क्षमता दिखाने में मदद करता है।
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ऑटिझम क्या है?

ऑटिझम या ऑटिझम स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) एक न्यूरोडिवेलपमेंटल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के बोलने-चालने, सामाजिक मेलजोल और व्यवहार के तरीके दूसरों से अलग हो सकते हैं। भाषा विकास अलग हो सकता है, सामाजिक जुड़ाव में कठिनाई हो सकती है, ध्वनि, रोशनी या स्पर्श जैसी चीज़ों को महसूस करने का तरीका अलग हो सकता है, उनके पास कुछ बहुत गहरी रुचियाँ हो सकती हैं, वे दुनिया को समझने और सीखने के अनोखे तरीके अपनाते हैं। सही सहयोग और समझदारी से, ऑटिज़्म से जुड़े व्यक्ति अपने कौशल और ज़रूरतों के अनुसार जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

ऑटिझम के शुरुआती लक्षण पहचानना

हर बच्चा अपनी रफ़्तार से विकास करता है, और ऑटिझम हर बच्चे में अलग तरीके से दिखाई देता है।
कुछ शुरुआती संकेत जो ऑटिझम की ओर इशारा कर सकते हैं:

  • बच्चा आँखों में आँखें डालकर बात नहीं करता
  • उसकी बोलने की क्षमता में देरी हो सकती है
  • सामाजिक रिश्ते बनाने और निभाने में मुश्किल हो सकती है
  • वह बार-बार दोहराने वाली हरकतें करता है (जैसे हाथ हिलाना, आगे-पीछे झूलना)

अगर आप अपने बच्चे में ऐसे लक्षण देख रहे हैं और उन्हें बेहतर समझना चाहते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से मूल्यांकन (assessment) करवाना मददगार हो सकता है। ऑटिझम कोई समस्या नहीं है जिसे “ठीक” किया जाए — यह दुनिया को देखने और जीने का एक अलग लेकिन मान्य तरीका है।

Related Article: Early Signs of Autism in Children upto 5 Years of Age 

ऑटिझम से जुड़े बच्चे को सहयोग देना

अनुसंधान से पता चला है कि ऑटिझम आनुवंशिक (genetic) और पर्यावरणीय कारणों के मेल से होता है।
यह खराब परवरिश (bad parenting) की वजह से नहीं होता। हालाँकि ऑटिझम का कोई “इलाज” नहीं है, लेकिन शुरुआती सहयोग और समझदारी से किए गए बदलाव बच्चे को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।

एक मिलजुला सहयोगी तरीका मददगार हो सकता है:

  • बच्चे की इंद्रिय और सीखने की ज़रूरतों के अनुसार माहौल को अनुकूल बनाना
  • बच्चे के लिए प्राकृतिक और सहज तरीके से संवाद को प्रोत्साहित करना
  • ऐसा रूटीन बनाना जो स्थिरता और आराम प्रदान करे
  • भावनाओं को संभालना (self-regulation) और मानसिक संतुलन बढ़ाना

प्रभावी और प्रमाणित (Evidence-Based) सहयोग के तरीके

हर बच्चे की ज़रूरत अलग होती है। व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार मदद करना सबसे प्रभावी होता है।
कुछ मददगार तरीके:

  • स्पीच और लैंग्वेज थैरेपी (SLT):
    बच्चे के हिसाब से बोलने या वैकल्पिक संवाद (जैसे इशारे, चित्र आदि) को बेहतर बनाने में मदद करती है।
  • व्यवहारिक और विकासात्मक मॉडल:
    सकारात्मक संवाद को बढ़ावा देने और भावनात्मक नियंत्रण (self-regulation) सिखाने में मदद करते हैं।
    उदाहरण:

    • डेनवर मॉडल (Denver Model), रिलेशनशिप डेवलपमेंट इंटरवेंशन (RDI), रिस्पॉन्सिव टीचिंग (RT)
    • टीईएसीसीएच (TEACCH) मेथड – संरचित सीखने का तरीका
  • पिक्टोरियल एक्सचेंज कम्युनिकेशन सिस्टम (PECS):
    चित्रों के ज़रिए संवाद सिखाने का तरीका
  • ऑक्यूपेशनल थैरेपी (OT):
    बच्चे की मोटर स्किल्स (चलने-फिरने, पकड़ने आदि) और दैनिक कामों को उसकी सेंसरी ज़रूरतों के अनुसार आसान बनाना

शुरुआती सहयोग क्यों ज़रूरी है?

ऑटिझम जीवनभर रहने वाली एक स्थिति है। इसे “ठीक” करने की ज़रूरत नहीं है – समझने और सहयोग देने की ज़रूरत है। अगर समय रहते सही सहयोग मिले, तो ऑटिझम से जुड़े लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं और एक सार्थक और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

 माता-पिता और देखभाल करने वालों अगर आप ऑटिझम से जुड़े सफ़र पर हैं, तो जान लें कि आप अकेले नहीं हैं। सहयोग, जानकारी, और संसाधन उपलब्ध हैं। एक सहायक समुदाय बनाना, सही जानकारी तक पहुँचना और अपने बच्चे की ज़रूरतों की वकालत करना, बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।

 यह तथ्य-पत्र (Fact Sheet) आपको ऑटिझम से जुड़ी ज़रूरी जानकारी देता है – जैसे: शुरुआती संकेत, कारण, डायग्नोसिस और सहयोग के तरीके, ताकि परिवारों को सही समय पर सही मदद मिल सके।

Related Article: Concerns about Autism & child development – Nayi Disha

आभार (Acknowledgements)

हम अपने दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं डॉ. अजय शर्मा को, जो एक अनुभवी न्यूरो-डेवलपमेंटल पीडियाट्रिशियन (बच्चों के विकास संबंधी विशेषज्ञ) हैं। उन्होंने इस ऑटिझम फैक्ट शीट को तैयार करने में मूल्यवान सलाह और मार्गदर्शन प्रदान किया। साथ ही, हम अपनी स्वयंसेविका शैलजा ताडिमेटी का भी धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस सामग्री को अंग्रेज़ी से तेलुगु में अनुवाद करने में अपना समय और प्रयास दिया।

विशेषज्ञ से मदद लें – मार्गदर्शन और सहयोग के लिए, नयी दिशा की मुफ्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर कॉल या WhatsApp करें।
(यह सेवा कई भाषाओं में उपलब्ध है)

ऑटिझम कोई कमी नहीं है – यह दुनिया को देखने और महसूस करने का एक अलग लेकिन सुंदर तरीका है। न्यूरोडायवर्सिटी (Neurodiversity) को अपनाने से हम एक ज़्यादा समावेशी (inclusive) और समझदार समाज बना सकते हैं।

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